पुलवामा हमले के बाद पत्रकारों के ऊपर नफ़रत से भरे व्यक्तिगत हमलो ने एक बार फिर देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अभिसार शर्मा, रविश कुमार और बरखा दत्त जैसे पत्रकारों को ट्रोल किया गया और उनके परिवार को जान से मारने एवं बलात्कार करने की धमकी दी गई। सवाल यह उठता है कि क्या पत्रकारों को देश की सुरक्षा में हुई चूक पर सवाल उठाने का भी अधिकार नहीं है? क्यों हर जगह कश्मीरी छात्रों पर हमले किए जा रहे हैं? इस भाग में निखिल वागले के यही हैं सत्ता से सवाल |
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