ऋतिका चोपड़ा, बनारस
बाबर खान के मन में अरविंद केजरीवाल के लिए बहुत सम्मान है। खान की वाराणसी के बेनियाबाग में कपड़े की छोटी सी दुकान है। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी पर उनके जोरदार हमले से खान बहुत खुश हैं। खान ने कहा, 'मैं ही नहीं, किसी से भी पूछ लीजिए, ऐसा ही जवाब मिलेगा।' केजरीवाल ने एक दिन पहले उनकी दुकान से कुछ दूरी पर एक सभा को संबोधित किया था।
बेनियाबाग मुस्लिम बहुल इलाका है और खान उन लोगों में एक हैं, जिनके मन में आप के लिए बहुत सम्मान है। इकनॉमिक टाइम्स ने शहर ए मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी सहित इस समुदाय के कई लोगों से बात की। उन लोगों को केजरीवाल की पार्टी में उम्मीद की नई किरण नजर आ रही है। नोमानी ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, 'मैं निजी राय नहीं दे सकता क्योंकि मैं न तो किसी पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट कर सकता हूं और न ही किसी की मुखालिफत। लेकिन मैंने मुसलमानों में आम आदमी पार्टी को लेकर जोश देखा है। शायद ऐसा इसलिए हो रहा है कि आप सेक्युलर या कम्युनल डिबेट के बेस पर काम नहीं कर रही है। उनकी बड़ी लड़ाई करप्शन के खिलाफ है, जिससे हर कौम और तबके का नुकसान होता है।'
केजरीवाल को लेकर शहर के मुस्लिम बहुल इलाके में लोग बात कर रहे हैं। पीली कोठी को ही ले लीजिए। यहां ज्यादातर बुनकर रहते हैं, जो लंबे समय से कांग्रेस के सपोर्टर हैं। लेकिन अब यहां 'झाड़ू पार्टी' के हक में भी आवाजें सुनाई देने लगी है। इनके हक में बोलने वालों में नूरुल हसन भी हैं। हसन कहते हैं, 'समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों को मौका दिया गया, लेकिन बुनकरों के लिए किसी ने कुछ नहीं किया। इस बार नई पार्टी को चांस दिया जा सकता है।' उन्होंने मंगलवार की शाम को पीली कोठी में केजरीवाल की पब्लिक मीटिंग अटेंड करने के बाद उनको लेकर अपनी राय बना ली है।
लेकिन केजरीवाल के लिए बढ़ती इज्जत मोदी के खिलाफ उनका कितना फायदा करा सकती है? और केजरीवाल ने अपने भाषणों में उनके बारे में खास कुछ नहीं कहा है तो कैसे आप उनका सम्मान हासिल करने में कामयाब रही है? वाराणसी बीजेपी का गढ़ रहा है और यहां 2004 को छोड़कर 1991 से पार्टी के कैंडिडेट ही जीत रहे हैं। यहां मुसलमान निर्णायक भूमिका निभाते हैं क्योंकि यहां चौथाई वोटर इसी समुदाय के हैं। अगर वे मिलकर केजरीवाल के लिए वोट करने का फैसला करते हैं तो वह मोदी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। पिछले इलेक्शन में इस समुदाय ने बीएसपी कैंडिडेट मुख्तार अंसारी को वोट दिया। इससे बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी के साथ उनका कड़ा मुकाबला हुआ। अंसारी 17000 वोट के मार्जिन से हारे।
बाबर खान के मन में अरविंद केजरीवाल के लिए बहुत सम्मान है। खान की वाराणसी के बेनियाबाग में कपड़े की छोटी सी दुकान है। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी पर उनके जोरदार हमले से खान बहुत खुश हैं। खान ने कहा, 'मैं ही नहीं, किसी से भी पूछ लीजिए, ऐसा ही जवाब मिलेगा।' केजरीवाल ने एक दिन पहले उनकी दुकान से कुछ दूरी पर एक सभा को संबोधित किया था।
बेनियाबाग मुस्लिम बहुल इलाका है और खान उन लोगों में एक हैं, जिनके मन में आप के लिए बहुत सम्मान है। इकनॉमिक टाइम्स ने शहर ए मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी सहित इस समुदाय के कई लोगों से बात की। उन लोगों को केजरीवाल की पार्टी में उम्मीद की नई किरण नजर आ रही है। नोमानी ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, 'मैं निजी राय नहीं दे सकता क्योंकि मैं न तो किसी पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट कर सकता हूं और न ही किसी की मुखालिफत। लेकिन मैंने मुसलमानों में आम आदमी पार्टी को लेकर जोश देखा है। शायद ऐसा इसलिए हो रहा है कि आप सेक्युलर या कम्युनल डिबेट के बेस पर काम नहीं कर रही है। उनकी बड़ी लड़ाई करप्शन के खिलाफ है, जिससे हर कौम और तबके का नुकसान होता है।'
केजरीवाल को लेकर शहर के मुस्लिम बहुल इलाके में लोग बात कर रहे हैं। पीली कोठी को ही ले लीजिए। यहां ज्यादातर बुनकर रहते हैं, जो लंबे समय से कांग्रेस के सपोर्टर हैं। लेकिन अब यहां 'झाड़ू पार्टी' के हक में भी आवाजें सुनाई देने लगी है। इनके हक में बोलने वालों में नूरुल हसन भी हैं। हसन कहते हैं, 'समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों को मौका दिया गया, लेकिन बुनकरों के लिए किसी ने कुछ नहीं किया। इस बार नई पार्टी को चांस दिया जा सकता है।' उन्होंने मंगलवार की शाम को पीली कोठी में केजरीवाल की पब्लिक मीटिंग अटेंड करने के बाद उनको लेकर अपनी राय बना ली है।
लेकिन केजरीवाल के लिए बढ़ती इज्जत मोदी के खिलाफ उनका कितना फायदा करा सकती है? और केजरीवाल ने अपने भाषणों में उनके बारे में खास कुछ नहीं कहा है तो कैसे आप उनका सम्मान हासिल करने में कामयाब रही है? वाराणसी बीजेपी का गढ़ रहा है और यहां 2004 को छोड़कर 1991 से पार्टी के कैंडिडेट ही जीत रहे हैं। यहां मुसलमान निर्णायक भूमिका निभाते हैं क्योंकि यहां चौथाई वोटर इसी समुदाय के हैं। अगर वे मिलकर केजरीवाल के लिए वोट करने का फैसला करते हैं तो वह मोदी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। पिछले इलेक्शन में इस समुदाय ने बीएसपी कैंडिडेट मुख्तार अंसारी को वोट दिया। इससे बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी के साथ उनका कड़ा मुकाबला हुआ। अंसारी 17000 वोट के मार्जिन से हारे।
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